आलोचना
आलोचना का शाब्दिक अर्थ है ‘किसी वस्तु को भली प्रकार देखना। इससे किसी वस्तु के । गुण-दोष प्रकट हो जाते हैं। इसलिए किसी कृति का अध्ययन करके जब उसके गुण-दोषों को प्रकट किया जाता है तो उसे ‘आलोचना’ कहते हैं। इसके लिए ‘समीक्षा’ शब्द का प्रयोग भी किया जाता है। हिन्दी में आधुनिक आलोचना का प्रारम्भ ‘भारतेन्दु युग’ से माना जाता है।