हिन्दी में रीतिबद्ध और रीतिमुक्त कविता का अन्तर
रीतिबद्ध काव्य के अन्तर्गत वे ग्रन्थ आते हैं, जिनमें काव्य-तत्त्वों के लक्षण देकर उदाहरण के रूप में काव्य-रचनाएँ की जाती हैं, जब कि रीतिमुक्त काव्यधारा की रचनाओं में रीति–परम्परा के साहित्यिक बन्धनों एवं रूढ़ियों से मुक्त; स्वच्छन्द रचनाएँ। इस काव्यधारा के कवियों में घनानन्द का प्रमुख स्थान है और रीतिबद्ध काव्यकारों में आचार्य चिन्तामणि का प्रथम स्थान है।