in सामान्य हिन्दी
edited
हिन्दी गद्य के विकास में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी जी का योगदान का वर्णन किजिये

1 Answer

0 votes

edited

हिन्दी गद्य के विकास में आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी जी की प्रमुख देन निम्नलिखित हैं

  1. द्विवेदी जी ने भाषा में व्याकरण सम्बन्धी अशुद्धियों, पद-विन्यास एवं वाक्य-विन्यास की अनियमितता को दूर किया।

  2. उन्होंने नये-नये लेखकों और कवियों को व्याकरणनिष्ठ और संयमित खड़ी बोली में लिखने के लिए प्रोत्साहित किया।

  3. उन्होंने अन्य भाषाओं के साहित्य का हिन्दी में अनुवाद कराया।

  4. भाषा के शब्द-भण्डार में वृद्धि की जिससे विविध प्रकार की भाषा-शैलियों का जन्म हुआ, जिसके परिणामस्वरूप गद्य के विविध रूपों का विकास हुआ।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...