छायावादी कविता के हास के कारण
1. छायावादी कविता में सूक्ष्म और वायवीय कल्पनाओं की अधिकता थी।
2. स्थूल जगत की कठोर वास्तविकता से उसका कोई सम्बन्ध नहीं रह गया था।
3. समाज में पूँजी के विरुद्ध आवाज उठ रही थी, इसलिए अतिशय कल्पना को छोड़ रोटी, कपड़ा और मकान कविता का विषय बनने लगे थे।
विदेशी शासन के दमन के कारण जनसाधारण की निरन्तर बढ़ती पीड़ा छायावाद के ह्रास का मुख्य कारण बनी। इस दमन को देखकर कविगण कल्पना लोक से उबरकर यथार्थ के कठोर धरातल पर आ गये। पूँजी की वृद्धि तथा दीनता का प्रसार भी छायावाद के ह्रास का कारण बना।