मुकद्दम या चौधरी
सल्तनत काल में प्रत्येक शिक को परगनों में बाँटा जाता था। गाँवों के समूह को परगना कहते थे। प्रशासन की सबसे छोटी इकाई गाँव थी। गाँव का मुखिया मुकद्दम या चौधरी कहलाता था। वह समस्त ग्रामीण प्रशासन के लिए उत्तरदायी था। भू-राजस्व निर्धारण एवं वसूली के साथ राजस्व संबंधी सभी कागजात वह रखता था। गाँव की सुरक्षा का कार्य गाँव के चौकीदार का होता था। गाँव के ये तीनों अधिकारी वंशानुगत होते थे। इन्हें, वसूले गए भू-राजस्व का एक भाग प्राप्त होता था। गाँव का प्रशासन ग्राम पंचायतों के माध्यम से होता था। इसीलिए मध्यकालीन . भारत में ग्रामीण स्तर पर प्राचीन परम्पराएँ यथावत रहीं।।