फ्रांस की जनसंख्या में तेजी से वृद्धि हो रही थी। फ्रांस की जनसंख्या 1715 ई. में 2 करोड़ 30 लाख से बढ़कर 1789 ई. में 2 करोड़ 80 लाख हो गयी। फलस्वरूप इससे खाद्यान्न की माँग बहुत तेजी से बढ़ी। इसलिए पावरोटी की कीमत भी तेजी से बढ़ी क्योंकि यह आम आदमी का भोजन थी। बहुत से कामगार कारखानों में मजदूर का काम करते थे जिनके मालिक उनकी मजदूरी निर्धारित करते थे। किन्तु उनकी मजदूरी बढ़ती कीमतों के हिसाब से नहीं बढ़ रही थी। इसलिए अमीर और गरीब के बीच की दूरी बढ़ गई। जब कभी अकाल पड़ता या ओलावृष्टि होती तो फसल कम होने से स्थिति और बिगड़ जाती। इससे जीविका संकट पैदा हुआ।
Stay updated via social channels