जैकोबिन सरकार के पतन के उपरान्त एक नया संविधान लागू किया गया जिसने समाज के संपत्तिहीन नागरिकों को मताधिकार से वंचित रखा। संविधान में दो चुनी गई विधान परिषदों का प्रावधान था। इन परिषदों ने पाँच सदस्यों वाली एक कार्यपालिका डाइरेक्ट्री को नियुक्त किया जिसे डाइरेक्ट्री शासन कहा गया।
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