फ्रांस की क्रान्तिकालीन राजनीति में सक्रिय ओलिम्प सबसे महत्त्वपूर्ण महिला थी। उन्होंने फ्रांस के संविधान नथा ‘पुरुष एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र’ का विरोध किया क्योंकि उनमें महिलाओं को मानव मात्र के मूलभूत अधिकारों से वंचित किया गया था। इसलिए उन्होंने 1791 ई. में ‘महिला एवं नागरिक अधिकार घोषणापत्र तैयार किया जिसे महारानी एवं नेशनल असेंबली के सदस्यों पर यह माँग करते हुए भेजा गया था कि वे इस पर कार्यवाही करें। सन् 1793 में ओलिम्प ने महिला क्लवों को जबरन बंद करने के लिए जैकोबिन सरकार की आलोचना की। उन पर नेशनल कन्वेंशन द्वारा मुकदमा चलाया गया तथा फाँसी पर लटका दिया गया।
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