जैकोबिन क्लब
जैकोबिन क्लब की शुरुआत क्रान्ति के आरम्भिक समय में ही हो चुकी थी। शुरुआत में जैकोबिन के अनुयायी उदार तथा सुधारवादी ही थे। लेकिन धीरे-धीरे उसकी नीति उग्र होती गयी, फलस्वरूप मिराबो लाफाएत जैसे नरम विचार वाले सदस्य उससे पृथक् ही हो गए। परिणाम यह हुआ कि क्लब पर रोब्सपियर जैसे उग्र विचारक का नियंत्रण हो गया। इस क्लब का नाम पेरिस के भूतपूर्व कान्वेंट ऑफ सेंट जैकब के नाम पर पड़ा। इस क्लब का प्रधान स्थान पेरिस था। इस क्लब के सदस्य लम्बी धारीदार पतलून पहनते थे इसलिए इन्हें ‘सौं कुलॉत’ भी कहा जाता था। इसकी 400 के लगभग शाखाएँ थीं जो सारे देश में फैली हुई थीं। धीरे-धीरे यह क्लब अधिक शक्तिशाली हो गया और उसका प्रभाव इतना बढ़ गया कि फ्रांसीसी क्रांति के पश्चात् फ्रांस की सत्ता पर जैकोबिनों को नियन्त्रण स्थापित हो गया।