डेल्टा और ज्वारनदमुख में अन्तर
डेल्टा काँप मिट्टी का विशाल निक्षेप है। इसकी आकृतित्रिभुजाकार, पंजाकार या पंखाकार होती है। इसका निर्माण नदी के निचले मार्ग में वहाँ होता है जहाँ दाब नाममात्र का होता है। यह नदी की वृद्धावस्था में बनता है। अतः नदी अपने साथ बहाकर लाई गई अवसाद को ढोने में असमर्थ रहती है तथा विभिन्न शाखाओं में विभक्त होकर अवसाद का निक्षेप करने लगती है। इस प्रकार समुद्री मुहाने पर मिट्टी तथा बालू के महीन कणों से त्रिभुजाकार रूप में निर्मित अवसाद डेल्टा कहलाता है। ज्वारनदमुख के निर्माण में नदियाँ अपने साथ लाए हुए अवसाद को मुहाने पर जमा नहीं करतीं, बल्कि अवसाद को समुद्र में अन्दर तक ले जाती हैं। नदी में इस प्रकार बना मुहाना ज्वारनदमुख या एस्च्युरी कहलाता है। नर्मदा नदी इसी प्रकार की मुहाने का निर्माण करती है।