महासागरीय जलधाराएँ एवं ज्वार-भाटे दोनों ही महासागरीय गतियाँ हैं, किन्तु ज्वार-भाटा एक स्थानीय तथा अल्पकालिक गति है जिसमें सागर या महासागर तटों पर निश्चिंत समय पर दिन में दो बार सागरीय जल चढ़ता एवं उतरता रहता है। इनकी उत्पत्ति पृथ्वी पर चन्द्रमा तथा सूर्य की आकर्षण शक्ति के कारण होती है।
ज्वार-भाटों के विपरीत महासागरीय जलधाराओं में जल का संचलन (गतिं) निरन्तर होता रहता है। इनमें जले का प्रवाह एक निश्चित दिशा में होता है। इनकी उत्पत्ति पृथ्वी के घूर्णन (परिभ्रमण), प्रचलित पवनों, तापमानों एवं लवणता की भिन्नताओं तथा तटरेखा की आकृति के कारण होती है।