अल्पवृष्टि
अल्पवृष्टि का तात्पर्य वर्षा न होने से है जिसके कारण अकाल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जलाभाव के कारण फसलें नष्ट हो जाती हैं। नदी, तालाब, कुएँ सूखने लगते हैं। पानी का घोर संकट उत्पन्न हो जाता है जिससे सभी प्रकार के जीवों का जीवन संकटग्रस्त हो जाता है। पशुओं के लिए पानी तथा चारे की समस्या पैदा हो जाती है।
अतिवृष्टि
अतिवृष्टि का तात्पर्य ऐसी अत्यधिक वर्षा से है जो लाभ की अपेक्षा हानि पहुँचाती है। अतिवृष्टि से नदी, जलाशय, तालाब सभी जल से भर जाते हैं। नदियों में बाढ़ आ जाती है जिससे उनके किनारे बसे गाँव, नगर तथा फसलें प्रभावित हो जाती हैं। अतिवृष्टि से बहुत-से लोग घर-विहीन हो जाते हैं। बाढ़ के बाद अनेक प्रकार के संक्रामक रोग फैलने लगते हैं। अतिवृष्टि का सर्वाधिक प्रभाव फसलों पर पड़ता है। इससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।