फ्लेमिंग के दायें हाथ का नियम
जब कोई ऋजुरेखीय चालक तार किसी चुम्बकीय क्षेत्र में उसके लम्बवत् गति करता है तो इसमें उत्पन्न प्रेरित धारा की दिशा फ्लेमिंग के दायें हाथ के नियम की सहायता से ज्ञात की जाती है। इस नियम के अनुसार, यदि हम दायें हाथ का अँगूठा तथा इसके पास वाली दोनों अँगुलियों को एक साथ इस प्रकार फैलाएँ कि वे परस्पर लम्बवत् हों तब यदि पहली अँगुली चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में तथा अँगूठा चालक की गति की दिशा में संकेत करें तो बीच वाली अँगुली चालक में प्रेरित वैद्युत धारा की दिशा की ओर संकेत करेगी।”