बेबीलोन नगर के उत्तर में 200 मील दूर आसुर नगर में असीरियन जाति के मानव उस समय शासन कर रहे थे, जबकि बेबीलोनियन सभ्यता उन्नति की पराकाष्ठा पर थी।
असीरियन जाति के व्यक्ति युद्धप्रिय थे। युद्ध इनकी अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्त्रोत था। धर्म का इनके जीवन में महत्त्वपूर्ण स्थान था। असीरियन बहुदेव पूजक थे और सूर्य इनके प्रमुख देवता थे।
इश्तर देवी की भी असीरियन समाज में पूजा की जाती थी। वह प्रजनन शक्ति की देवी थी। इसी जाति के शासकों ने सर्वप्रथम 11 वीं सदी ई.पू. में बेबीलोन नगर पर आक्रमण कर उसे विजित करने का प्रयत्न किया, परंतु बेबीलोनिया वासियों ने उनके आक्रमण को न केवल असफल किया, बल्कि भविष्य में दो शताब्दियों तक अपने राज्य की स्वतंत्रता की रक्षा की।