लेखक को डिब्बे में आया देखकर नवाब साहब की आँखों में असंतोष छा गया। ऐसे लगा मानो लेखक के आने से उनके एकांत में बाधा पड़ गई हो। उन्होंने लेखक से कोई बातचीत नहीं की। उनकी तरफ़ देखा भी नहीं। वे खिड़की के बाहर देखने का नाटक करने लगे। साथ ही डिब्बे की स्थिति पर गौर करने लगे। इससे लेखक को पता चल गया कि नवाब साहब उनसे बातचीत करने को उत्सुक नहीं हैं।