परिभाषा
जहाँ भिन्न-भिन्न अर्थों वाले शब्दों की आवृत्ति हो वहाँ यमक अलंकार होता है।
उदाहरण
इकली ड़री हौं, घन देखि के ड़री हौं,
खाय बिस की ड़री हौं घनस्याम मरि जाइ हौं।
ऊपर के पद में ड़री तीन बार आया है- अर्थ भिन्न-भिन्न है। पहली ड़री का अर्थ पड़ी, दूसरी डरी का अर्थ भयभीत है तथा तीसरी डरी का अर्थ विष की डाली या टुकड़ी है।