कुषाण साम्राज्य का पतन
कुषाण साम्राज्य कनिष्क प्रथम के समय में अपने गौरव के सर्वोच्च शिखर पर पहुँच गया। इस समय में कुषाण साम्राज्य से केवल भारत के ही नहीं बल्कि मध्य एशिया के शासक भी, भय खाते थे किन्तु इतने विशाल साम्राज्य को कनिष्क प्रथम के उत्तराधिकारी अक्षुण्य न रख सके और उनके अधिकांश राज्य भारतीय शासकों के हाथों में आ गए। उनमें मुख्यतः नाग, मालव और कुणिन्द वंश थे। कुषाणों के पतन के अन्य प्रमुख कारण ईरान में सस्सैनियम साम्राज्य का उदय तथा कुषाणों का भारतीय जातियों में घुल-मिले जाना भी माना जाता है जिसके कारण कुषाण साम्राज्य समाप्त हो गया।