चालकता
किसी पदार्थ के विद्युत प्रतिरोध का व्युत्क्रम ही उस पदार्थ की चालकता कहलाता हैं अर्थात दूसरों शब्दों में हम कह सकते हैं कि जब किसी पदार्थ या धातु के तार में से जब विद्युत धारा प्रवाहित की जाए तो उसके मार्ग में कोई रुकावट पैदा ना हो अर्थात उस पदार्थ में लगातार विद्युत धारा प्रभावित होती रहे उसे ही हम उस पदार्थ की चालकता कहते हैं चालकता को हम सी द्वारा दर्शाते हैं चालकता के आधार पर ही किसी पदार्थ को हम चालकों, कुचालकों एवं अर्ध्दचालकों में वर्गीकृत कर सकते हैं इसको हम निम्न सूत्र के द्वारा परिभाषित करेंगे,
सूत्र :- C = 1/R [ R=Ω ]
C = 1/Ω या C = Ω-1
इसका SI मात्रक को हम सीमेंस कहते है तथा इसे S प्रतीक द्वारा प्रदर्शित किया जाता है अतः इसकी इकाई को हम Ω-1 या सीमेंस (S) या म्हो (mho) कहा जाता है
चालक |
पदार्थ |
चालकता |
सोडियम |
2.1×103 |
चाँदी |
6.2×103 |
लोहा |
1.0×103 |
सोना |
4.5×103 |
ताँबा |
5.9×103 |
कुचालक |
काँच |
1.0×10-16 |
टेफ्लॉन |
1.0×10-18 |
अर्ध्दचालक |
0.1 M HCL |
3.91 |
0.01 M KCL |
0.14 |
0.01 M NACL |
0.12 |
0.1 M HAC |
0.016 |
शुध्द जल |
3.5×10-5 |
जलीय विलयन |
CUO |
1×10-7 |
Si |
1.5×10-2 |
Ge |
2.0 |
चालकता के प्रकार
धात्विक चालकता और विद्युत अपघटनीय चालकता