व्याकरण वह प्रवृत्ति है, जिसके द्वारा भाषा का विशेषण तथा उसके मानक रूप को स्थिर किया जाता है। किसी भाषा के बोलने तथा लिखने के नियमों की व्यवस्थित पद्धति ‘व्याकरण‘ कहलाती है। Hindi Vyakaran
व्याकरंण द्वारा शब्दों के रूपों तथा प्रयोगों को निरूपित किया जाता है। यह भाषा का शुद्ध लिखने, उच्चारण करने तथा समझने का ज्ञान भी प्रदान करता है।
हिन्दी व्याकरण (Hindi Vyakaran), संस्कृत व्याकरण पर आधारित है, लेकिन इसे स्वतंत्र मानना अधिक समीचीन है, क्योंकि इसकी विशेषताएं संस्कृत से अत्यधिक पृथक होने की प्रवृत्ति सामने लाती है।
कामता प्रसाद गुरू और किशोरीदास वाजपेयी ने सबसे पहले हिन्दी व्याकरण (Hindi Vyakaran) को लिख हिन्दी भाषा को स्थिर तथा परिष्कृत करने का प्रयास किया।
हिन्दी व्याकरण में तीन तत्वों के आधार पर अध्ययन की प्रक्रिया को स्वरूप प्रदान किया जाता है – वर्ण विचार, ध्वनि विचार और वाक्य विचार।