इस सिद्धांत का प्रतिपादन थार्नडाइक ने किया। थार्नडाइक ने बताया कि बुद्धि एक, दो या तीन तत्व न होकर बहु तत्व युक्त होती है। प्रत्येक तत्व एक अलग क्रिया को संपन्न करता है। थार्नडाइक ने अपने सिद्धांत की तुलना बालू रेत के टीले से की तथा उन्होंने इसमें आकृति, आकार, लंबाई, चौड़ाई आदि गुणों का समावेश किया।