मानव विकास की सबसे विचित्र एवं जटिल अवस्था किशोरावस्था है। इसका काल 12 वर्ष से 18 वर्ष तक रहता है। इसमें होने वाले परिवर्तन बालक के व्यक्तित्व के गठन में महत्त्वपूर्ण योग प्रदान करते हैं। अत: शिक्षा के क्षेत्र में इस अवस्था का विशेष महत्त्व है।
ई.ए. किलपैट्रिक ने लिखा है- "इस बात पर कोई मतभेद नहीं हो सकता है कि किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है।" (Adolescence is a period of great stress and strain, storm and strife.)
किशोरावस्था जीवन का सबसे कठिन काल है। इस काल में किशोरों के जीवन में अनेक शारीरिक एवं मानसिक संवेगात्मक परिवर्तन आते हैं। स्टेनले हाल ने लिखा है-"किशोरावस्था बड़े संघर्ष, तनाव तथा विरोध की अवस्था है।" पढ़ें विस्तार से, "किशोरावस्था की समस्याएँ"।