निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किसी प्रक्रिया को अपनाना एक बात है तो उसकी प्रभावी क्रियान्विति एक बिल्कुल अलग बात। शिक्षक का शिक्षण तभी प्रभावी एवं सफल हो सकता है जब उसमें वांछित शैक्षणिक गुण एवं कुशलताएँ हों। ये गुण तथा कुशलताएँ हैं:-
1. विस्तृत ज्ञान (Comprehensive knowledge)- (a) विषयवस्तु (Contents) का, (b) विद्यार्थी (Students) का, (c) शिक्षण-विधियाँ (Methods), शिक्षण युक्तियाँ (Devices) तथा शिक्षण तकनीकों (Techniques) का, (d) वातावरण (Environment) का।
2. व्यवहारगत निष्पक्षता (Behavioural impartiality) ।
3. योजना-कौशल (Planning skill) तथा
4. प्रभावी सम्प्रेषण कौशल (Effective communication skill)।