धात्विक ठोस
धातुएँ मुक्त इलेक्ट्रॉनों के समुद्र से घिरे और उनसे जुड़े धनायनों के सुव्यवस्थित संग्रह हैं। ये इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हैं और क्रिस्टल में सर्वत्र समरूप से विस्तारित होते हैं। प्रत्येक धात्विक परमाणु इन गतिशील इलेक्ट्रॉनों के समुद्र में एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉनों का योगदान देता है। ये मुक्त और गतिशील इलेक्ट्रॉन, धातुओं की उच्च विद्युत और ऊष्मीय चालकता के लिए उत्तरदायी होते हैं। विद्युत क्षेत्र प्रयुक्त करने पर ये इलेक्ट्रॉन धनायनों के नेटवर्क में सतत प्रवाह करते हैं। इसी प्रकार जब धातु के एक भाग में ऊष्मा संचरित की जाती है तो ऊष्मीय ऊर्जा मुक्त इलेक्ट्रॉनों द्वारा सर्वत्र एकसमान रूप से विस्तारित हो जाती है। धातुओं की दूसरी महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ कुछ स्थितियों में उनकी चमक और रंग हैं। ये भी उनमें उपस्थित मुक्त इलेक्ट्रॉनों के कारण होती हैं। धातुएँ अत्यधिक आघातवर्धनीय और तन्य होती हैं।