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Pratham Singh in Chemistry
सहसंयोजक अथवा नेटवर्क ठोस बताइये

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Deva yadav

 सहसंयोजक अथवा नेटवर्क ठोस 

अधात्विक क्रिस्टलीय ठोसों की विस्तृत बहुरूपता (polymorphism) सम्पूर्ण क्रिस्टल में निकटवर्ती परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बन्धों के बनने के कारण होती है। इन्हें विशाल अणु (giant molecule) भी कहा जाता है। सहसंयोजक बन्ध प्रबल और दिशात्मक प्रकृति के होते हैं; इसीलिए परमाणु अपनी स्थितियों पर अति प्रबलता से बँधे रहते हैं। ऐसे ठोस अत्यधिक कठोर और भंगुर होते हैं। इनका गलनांक अत्यन्त उच्च होता है और गलन से पूर्व ये विघटित भी हो सकते हैं। ये विद्युत का संचालन नहीं करते; अतः ये विद्युतरोधी होते हैं। हीरा और सिलिकन कार्बाइड ऐसे ठोसों के विशिष्ट उदाहरण हैं।

ग्रेफाइट मुलायम और विद्युत चालक है। इसके अपवादात्मक गुण इसकी विशिष्ट संरचना के कारण होते हैं। इसमें कार्बन परमाणु विभिन्न परतों में व्यवस्थित होते हैं और प्रत्येक परमाणु उसी परत के तीन निकटवर्ती परमाणुओं से सहसंयोजक बन्धन में होता है। प्रत्येक परमाणु का चौथा संयोजकता इलेक्ट्रॉन अलग परतों के मध्य उपस्थित होता है और यह गमन के लिए मुक्त होता है। यही मुक्त इलेक्ट्रॉन ग्रेफाइट को विद्युत का उत्तम चालक बनाते हैं। विभिन्न परतें एक-दूसरे पर फिसल सकती हैं। ये ग्रेफाइट को मुलायम ठोस और उत्तम ठोस-चिकनाई (Solid lubricant) बनाते हैं।

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