शेरशाह की प्रशासनिक व्यवस्था काफी चुस्त थी। शेरशाह ने सैनिक शक्ति बढ़ाने के लिए अपनी सेना का गठन किया। अधिकारियों को नियमित रूप से वेतन दिया जाता था। कोई भी व्यक्ति सीधा शेरशाह से मिल सकता था। उसने प्रशासन को चुस्त रखने के लिए चार स्तरों में बाँटा था ताकि प्रशासन ठीक से अपना काम कर सके।
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