इक्तादार
सल्तनत काल में समस्त देश अनेक प्रान्तों में विभक्त था। पहले इन्हें ‘इक्ता’ और बाद में ‘विलायत’ कहा गया। प्रत्येक प्रान्त का अधिकारी गवर्नर होता था, जो ‘इक्तादार और बाद में मुक्ति’ या ‘वली’ कहलाता था। उसे सुल्तान नियुक्त करता था। वह सुल्तान के प्रति उत्तरदायी होता,था। वह प्रान्त में कानून व्यवस्था बनाए रखता था। उसे सैन्य एवं प्रशासनिक योग्यता के आधार पर नियुक्त किया जाता था। उसके अधीन घुड़सवार, फौजी दस्ते तथा पैदल सैनिक रहते थे। वह आपराधिक मामलों के विवादों में न्यायाधीश का कार्य करता था। वह कर संग्रह में सहायता प्रदान करता था।