हरित क्रांति का प्रभाव
हरित क्रांति के प्रभाव स्वरूप अधिक उपज के लिए सुधरे हुए उन्नत बीजों का प्रयोग होने लगा।
- रासायनिक खादों जैसे- अमोनियम सल्फेट, यूरिया, सुपर फॉस्फेट, पोटैशियम सल्फेट, डाई-अमोनियम फॉस्फेट तथा पोटैशियम नाइट्रेट का विकास व उपयोग किया गया।
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जैविक खाद का उत्पादन बढ़ाना जैसे कंपोस्ट की खाद, हरी खाद (जिसमें सनई, हैचा को सड़ाया जाता है) नीम की खली की खाद इत्यादि।
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रासायनिक कीट नाशक दवाओं को प्रयोग करना।
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कृषि यंत्र जैसे ट्रैक्टर, थ्रेशर आदि का प्रयोग करना।
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फसलों की सिंचाई के लिए नलकूप, नहरों तथा तालाब आदि बनाने का कार्य किया गया।