in इतिहास
edited
रूस की क्रान्ति के वैश्विक प्रभाव को स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

+1 vote

edited

रूस की क्रान्ति का वैश्विक प्रभाव

  1. रूस की देखा-देखी अन्य सरकारों ने भी अपनी प्रजा की रोटी, कपड़ा व मकान जैसी मौलिक आवश्यकताओं की | पूर्ति को अपना मुख्य कर्तव्य समझना शुरू किया।


  2. जब राष्ट्रसंघ की नींव रखी गई तो उसने विश्वभर के श्रमिकों की दशा सुधारने के लिए एक विशेष संस्था का निर्माण किया। यह संस्था अन्तर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ के नाम से प्रसिद्ध हुई।

  3. इसी प्रकार अनेक सरकारों ने शिक्षा देने का कार्य चर्च से छीन लिया।

  4. पहले विश्वयुद्ध के बाद समाजवादी आंदोलन मोटे तौर पर दो भागों-सोशलिस्ट पार्टियों और कम्युनिस्ट पार्टियों में बँट गया। समाजवाद लाने की विधियों बल्कि समाजवाद की परिभाषा को लेकर भी उनके बीच अनेक मतभेद थे। इन मतभेदों के बावजूद अपने उदय के कुछ ही दशकों के अन्दर समाजवाद सबसे अधिक स्वीकृत विचारधाराओं में से एक बन गया।

  5. कम्युनिस्ट इंटरनेशनल (कोमिंटर्न), जिसका गठन पहली और दूसरी अन्तर्राष्ट्रीय क्रान्ति की तर्ज पर किया गया था, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रांतियों को प्रोत्साहन देने का साधन था। समाजवादी आन्दोलन में फूट पड़ गई। सोशलिस्ट पार्टियों के वामपंथी धड़ों ने अब स्वयं को कम्युनिस्ट पार्टियों के रूप में ढाल लिया। 

  6. क्रांति ने राजनीतिक, आर्थिक व सामाजिक सभी क्षेत्रों में क्रान्ति ला दी।

  7. रूस की साम्यवादी सरकार को देखकर संसार के अन्य देशों, जैसे चीन व वियतनाम इत्यादि देशों में भी साम्यवादी सरकारें बनीं।।

  8. रूस की क्रान्ति के बाद पूरे विश्व में पूँजीपतियों व मजदूर वर्ग में एक निरंतर संघर्ष-सा चल पड़ा।

  9. रूस में किसान व मजदूर वर्ग की सरकार स्थापित हो जाने से इस वर्ग का सम्मान संसार के अन्य देशों में भी बढ़ा।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...