हरित क्रान्ति
वर्ष 1966-67 में हरित क्रान्ति के माध्यम से कृषि उत्पादन के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्नत किस्म के बीज, खाद, सिंचाई तथा आधुनिक यंत्रों के उपयोग द्वारा कृषि उपज में तीव्र गति से वृद्धि करना था। इसे ही हरित क्रान्ति कहते हैं। भारत में डॉ०एम०एस० स्वामीनाथन को हरित क्रान्ति का जनक कहा जाता है।