हरित ऊर्जा (Green Energy) एक प्रकार की ऊर्जा है जो पर्याप्त प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त की जाती है और पर्याप्त प्रकार से वातावरण को क्षति नहीं पहुंचाती है। इसे "हरित" या "प्राकृतिक" ऊर्जा के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसका उत्पादन प्राकृतिक प्रक्रियाओं से होता है और इसका प्रयोग करने से वातावरण को कम क्षति पहुंचती है।
- जो ऊर्जा कभी न समाप्त होने वाली ऊर्जा है। तथा जिस ऊर्जा को निर्मित करते समय किसी भी प्रकार की पर्यावरणीय समस्या उत्पन्न नहीं होती है। ऐसी ऊर्जा को हरित ऊर्जा कहते हैं।
- हरित ऊर्जा को पर्यावरण स्नेही ऊर्जा भी कहते हैं।
- इस प्रकार की ऊर्जा को हरित ऊर्जा कहते हैं क्योंकि यह ऊर्जा नूतनीकरणक्षम होती है। तथा किसी भी प्रकार का प्रदूषण उत्पन्न नहीं करती हैं।
- हरित ऊर्जा से किसी भी प्रकार का हानिकारक दुष्प्रभाव उत्पन्न नहीं होता है।
- हरित ऊर्जा के उदाहरण:
जलसंचय द्वारा निर्मित जलविद्युत ऊर्जा, बहते हुए पवन से निर्मित पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा से निर्मित विद्युत, जैविक ईंधनों से निर्मित विद्युत ऊर्जा।
हरित ऊर्जा के कुछ प्रमुख उपायों में शामिल हो सकते हैं:
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सौर ऊर्जा (Solar Energy): सूर्य की किरणों का उपयोग सौर पैनल्स द्वारा होता है जो बिजली उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है।
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वायु ऊर्जा (Wind Energy): जलवायु परिस्थितियों में हवा से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है, जिसे पवन ऊर्जा कहा जाता है।
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जल ऊर्जा (Hydropower): जल स्रोतों से ऊर्जा का उत्पादन होता है, जैसे कि बांधों और जल बिजली संयंत्रों से।
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बायोमास ऊर्जा (Biomass Energy): जीवाणु और पौधों के अवशेषों से ऊर्जा का उत्पादन किया जाता है।
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जैव-गैस ऊर्जा (Biogas Energy): जीवाणु और गोबर के अवशेषों से जैव-गैस उत्पन्न होती है जो गैस सिलेंडर्स में भरकर उपयोग की जा सकती है।
हरित ऊर्जा का उपयोग जलवायु परिवर्तन को कम करने और वातावरण सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है, और यह भविष्य की स्वास्थ्य और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।