रैडिकल और रूढ़िवादी में अन्तर
रूढ़िवादी
रूढ़िवादी विचारधारा के समर्थक राजतंत्र एवं राजा के दैवी सिद्धान्तों में विश्वास करते थे। यह रैडिकल तथा उदारवादी दोनों विचारधाराओं का विरोध करते थे परन्तु 18वीं शताब्दी के अन्त तक इनकी विचारधारा में तीव्र परिवर्तन आया और इन्होंने भी परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया परन्तु यह चाहते थे कि परिवर्तन की प्रक्रिया धीमी हो तथा अतीत को पूरी तरह न ठुकराया जाए।
रैडिकल (आमूल परिवर्तनवादी )
इस विचारधारा के समर्थक बहुमत पर आधारित सरकार की स्थापना के पक्ष में थे। यह किसी भी व्यक्ति को प्राप्त विशेषाधिकारों के विरुद्ध थे। यह समानता पर आधारित समाज की स्थापना करना चाहते थे। प्राचीन रूढ़ियों के यह विरोधी थे। यह राजा के दैवी शक्ति के सिद्धान्त में विश्वास नहीं करते थे और राजतंत्र को नष्ट करने के लिए क्रांतिकारी उपायों को अपनाने के पक्ष में थे। फ्रांस में पेरिस कम्यून की स्थापना का श्रेय इसी विचारधारा के समर्थकों को जाता है।