आजादी की आवाज नाम से रेडियो चलाकर जंगलों में छिपकर गुप्त सूचनाओं के प्रसारण का कार्य उषा मेहता ने महिला क्रान्तिकारी ने किया था। उषा ने भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अपने सहयोगियों के साथ १४ अगस्त १९४२ को खुफिया कांग्रेस रेडियो प्रारंभ किया थी। इस रेडियो से पहला प्रसारण भी उषा की आवाज में हुआ था। यह रेडियो लगभग हर दिन अपनी जगह बदलता था, ताकि अंग्रेज अधिकारी उसे पकड़ न सकें।
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