अनिषेकफलन एवं बहुभ्रूणता में अन्तर
अनिषेकफलन
यह शब्द नौल (Noll) ने दिया। अण्डाशय (ovary) से बिना निषेचन के फल निर्माण की क्रिया को अनिषेकफलन (parthenocarpy) कहते हैं तथा ऐसे फलों को अनिषेकफलनी फल (parthenocarpic fruits) कहते हैं। यह फल बीजरहित (seedless) होते हैं। अंगूर, केले तथा अनन्नास में प्राकृतिक अनिषेकफलन होता है। अनिषेकफलन को हॉर्मोन; जैसे-ऑक्सिन व जिबरेलिन के छिड़काव से भी प्रेरित किया जाता है। अनार (pomegranate), नारियल (coconut) या उन फलों में जिनमें खाने योग्य भाग बीच का है, अनिषेकफलनी फल बनाना बेकार होता है।
बहुभ्रूणता
एक बीजाण्ड या बीज में एक से अधिक भ्रूणों का उत्पन्न होना बहुभ्रूणता (polyembryony) कहलाता है। अनावृतबीजी पौधों में यह सामान्य घटना है परन्तु आवृतबीजी पौधों में काफी कम पायी जाती है। बहुभ्रूणता (polyembryony) की खोज एण्टोनी वॉन ल्यूवेनहॉक (A.V. Leeuwenhoek) ने 1791 में सन्तरे (orange) के बीजों में की थी। यद्यपि एक बीज में बहुत सारे भ्रूण (embryo) विकसित हो जाते हैं, परन्तु इनमें से एक ही भ्रूण सक्रिय होकर पौधों की अगली पीढ़ी को जन्म देता है।