जब सागरों एवं महासागरों का जल नियमित रूप से एक निश्चित दिशा में प्रवाहित होने लगता है तो उसे महासागरीय जलधारा कहते हैं। जलधाराएँ सागरों में उसी प्रकार प्रवाहित होती हैं जैसे स्थलीय भागों में नदियाँ एवं नाले। जलधाराओं को सागरीय नदियाँ भी कह सकते हैं। सामान्यत: धाराओं की गति 2 से 10 किमी प्रति घण्टा तक ऑकी गई है। गति एवं विस्तार आदि की दृष्टि से जलधाराओं को ड्रिफ्ट, धारा एव स्ट्रीम आदि नामों से पुकारा जाता है। जलधाराएँ ठण्डी एवं गर्म दोनों प्रकार की ह्येती हैं अर्थात् जो जलधाराएँ। ध्रुवों की ओर से प्रवाहित होती हैं, वे ठण्डी जलधाराएँ कहलाती हैं, जबकि विषुवत् रेखा से प्रवाहित होने वाली जलधाराएँ गर्म जल की धाराएँ कहलाती हैं।