यूरोप में पुनर्जागरण के कारण
1. व्यापार का उदय- पुनर्जागरण का सबसे बड़ा कारण व्यापार का उदय था जिसके कारण यूरोप के व्यापारियों के धन में वृद्धि हुई उन्होंने अपने धन का प्रयोग साहित्यकारों व कलाकारों को उत्साह प्रदान करने में किया जिससे वहां विद्या व ज्ञान की प्रगति हुई यात्रा तथा व्यापार करते समय लोगों में पारस्परिक वार्ता और विचारों का आदान-प्रदान हुआ इससे भी ज्ञान का विकाश हुआ
2. धर्मयुद्ध का प्रभाव- मध्यकाल में तुर्कों एवं ईसाइयों के बीच इस्लाम धर्म के प्रचार-प्रसार और ईसाई धर्म की सुरक्षा के कारण अनेक धर्म युद्ध हुए इसका परिणाम यह हुआ कि ईसाई संस्कृति एवं सभ्यता बड़े पैमाने पर क्षतिग्रस्त हुई साथ ही इन युद्धों के कारण यूरोपवासी अन्य देशों की सभ्यता व संस्कृति के समर्थन में आए व उनमें नए विचार का जन्म हुआ
3. धर्म के प्रति नवीन विचारधाराओं का उदय- ज्ञान की प्रगति के कारण यूरोपवासियों में तार्किक व वैज्ञानिक दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ जिसके कारण वे धार्मिक अंधविश्वास रूढिवादी प्रथाओं का विरोध करने लगे व उन्हें इनसे मुक्ति मिली अब धर्म के क्षेत्र में नए विचारों का विकास होने लगा इन नए विचारों एवं मान्यताओं के फलस्वरुप ही धार्मिक क्षेत्र में पुनर्जागरण का उदय हुआ
4. सामंतवादी प्रथा का प्रभाव- तत्तकालीन राजकीय प्रबंधन व्यवस्था से जनता काफी आहत हो चुकी थी क्योंकि सामंतवादी प्रथा के कारण जनता काफी शोषित हो रही थी एवं सामंतवाद के शोषण से मुक्त पाने हेतु किसानों एवं मजदूरों ने पुनर्जागरण के उदय में महत्वपूर्ण कारक के रूप में योगदान दिया