उक्त पंक्ति का आशय यह है कि जब व्यक्ति ज्यादा महँगी और अच्छी पोशाक पहन लेता है तो उसकी सामाजिक स्थिति बढ़ जाती है। वह संपन्न व्यक्तियों की श्रेणी में आ जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति जब अपने से कमजोर स्थिति वाले व्यक्ति के दुख के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करना चाहता है तो उसकी पोशाक उसे गरीब व्यक्ति के स्तर तक नहीं जाने देती है। यह स्थिति वैसी होती है जैसे हवा की लहरों के कारण पतंग सीधे नीचे जमीन पर नहीं आ पाती है।