Welcome to the Hindi Tutor QA. Create an account or login for asking a question and writing an answer.
Sarthak yadav in सामान्य हिन्दी
धूल पाठ का मूल भाव के बारे में बताओ |

1 Answer

0 votes
Sarthak yadav
धूल’ पाठ का मूल भाव है-ग्रामीण सभ्यता का गुणगान करना। जो लोग गाँव की धूल में सनकर पले-बढ़े हैं, वे हीरे के समान सुंदर और सुदृढ़ हैं। ग्रामीण जीवन की तुलना में नागरिक जीवन का बनावटी सौंदर्य काँच के समान नकली और नश्वर होता है। लेखक के अनुसार, ‘धूल मिट्टी की महिमा का नाम है। वह मिट्टी की आभा है। यह गर्द या मैल नहीं है, बल्कि पवित्र है। सती हो या योद्धा-सब इसे अपने माथे पर सुशोभित करते हैं। हमें चाहिए कि हम धूल का सम्मान करें, इसके संपर्क में रहें।।

Related questions

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...