पुराने समय में स्त्रियों के प्राकृत भाषा में बोलने के प्रमाण मिलते हैं। परंतु इसका यह तात्पर्य नहीं है कि प्राकृत भाषा अनपढों की भाषा थी। वास्तव में प्राकृत अपने समय की बोलचाल की प्रचलित भाषा थी। जिस प्रकार आज हिंदी, बांग्ला आदि प्राकृत भाषाएँ हैं। अतः प्राकृत भाषा में बोलने के कारण महिलाओं को अनपढ़ कहने की भूल नहीं की जा सकती।