भारत में आमतौर पर बड़ी संख्या में नागरिकों को लगता है कि अधिकांश राजनीतिक दलों ने अपनी लोकप्रियता खो दी है। इसका परिणाम यह होता है कि कोई भी राजनीतिक दल संसद में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं कर पाता है। ऐसी संसद, जिसमें किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता, त्रिशंकु संसद कहलाती है।