परिभाषा
काव्य की शोभा बढ़ानेवाले तत्वों का अलंकार कहते है। अलंकार के मुख्य दो भेद है- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जहाँ शब्दों में चमत्कार आ जाता है वहाँ शब्दालंकार तथा जहां अर्थ के कारण रमणीयता आ जाती है उसे अर्थालंकार कहते है।
शब्दालंकार तीन प्रकार के होतें है
- अनुप्रास
- यमक
- श्लेष
अर्थालंकार नौ प्रकार के होते है
- उपमा
- रूपक
- अनन्वय
- प्रतीप
- संदेह
- भ्रान्तिमान
- उत्प्रेक्षा
- दृष्टान्त
- अतिश्योक्ति