in Fitter Theory
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कैलीपर के प्रकार होता है

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कैलीपर के प्रकार 

कैलीपर तीन के प्रकार  होते हैं 

1. आउटसाइड कैलीपर 

“वह कैलिपर, जिसका उपयोग जॉब की बाहरी माप लेने के लिए किया जाता है, उसे आउटसाइड कैलिपर (Outside Calliper) कहते हैं।”
यह भी एक अप्रत्यक्ष मापी टूल है, इसके द्वारा जॉब को माप लेने के बाद स्टील रूल से चैक करते हैं, कि जॉब कितने साइज का है।

मैटीरियल

यह भी हाईकार्बन स्टील या माइल्ड स्टील के बनाए जाते हैं।

साइज

इसका भी साइज रिवेट के सेंटर से प्वॉइण्ट तक की दूरी से दर्शाया जाता है। यह बाजार में 100, 150, 200 व 300 मिमी में मिलते हैं।

2. इनसाइड कैलीपर

“वह कैलिपर, जिसका उपयोग आन्तरिक व्यास या माप, स्लॉट की चौड़ाई आदि के लिए किया जाता है, उसे इनसाइड कैलिपर (Inside calliper) कहते हैं।”
यह एक अप्रत्यक्ष मापी टूल है, क्योंकि इसके द्वारा माप लेने पर हमें यह पता नहीं लगता है, कि मापा गया स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास कितने साइज का है। इसलिए स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास की माप लेने के बाद कैलिपर को स्टील रूल से चैक किया जाता है। तो पता लगता है, कि स्लॉट की चौड़ाई या अंदरूनी व्यास इतने साइज का है।

मैटीरियल

यह हाई कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील के बनाए जाते हैं।

साइज

इसका साइज रिवेट के सेंटर से प्वॉइण्ट तक की दूरी से प्रदर्शित किया जाता है। और यह मार्केट में 75, 100, 150, 200, 300 मिमी साइज में मिलते हैं।

3. हर्माफ्रोडाइट कैलीपर

इस कैलीपर की एक टांग अंदर की ओर मुड़ी रहती है तथा दूसरी नोकदार होती है इस टांग की सहायता से समानांतर लाइन या किसी गोल शाफ्ट के फेस पर उसका सेंटर मालूम किया जा सकता है आवश्यकता होने पर इसकी लैग अंदर के स्थान पर बाहर को भी मोडी जा सकती है 

इसे जैनी कैलीपर या ओड लैग कैलीपर या लैग एंड प्वाइंट कैलीपर भी कहते हैं

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