in इतिहास
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आर्य समाज के प्रमुख सिद्धांतों का वर्णन कीजिए

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आर्य समाज के सिद्धांत

1. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को सच्चा ज्ञान प्राप्त करना जरूरी है और परमात्मा ही सच्चा ज्ञान का स्रोत है । 

 2. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार परमात्मा सर्वशक्तिमान, निराकार, सर्वव्यापी, दयालु, अंतर्यामी तथा अमर है। परमात्मा ही सृष्टि की रचना करने वाला है। इसलिए केवल परमात्मा ही पूजने के योग्य है। 

3. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक आर्य को अपना कार्य सोच समझकर करना चाहिए। आर्य समाज के लोगो को अनुचित कार्य से दूर रहना चाहिए।

 4. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार, समस्त संसार की भलाई करना आर्य समाज का परम धर्म और मुख्य उद्देश्य है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखकर लोगों की शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति की और ध्यान दिया जाना चाहिए।

5. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक मनुष्य को सभी संसार के जीवो के साथ प्यार और हमदर्दी का व्यवहार करना चाहिए। 

6. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक आर्य समाज के लोगो को अज्ञानता का नाश करना चाहिए, और चारों तरफ ज्ञान का प्रसार करना चाहिए। 

 7. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति को खुद से संबंधित निजी मामलों स्वतंत्रता होनी चाहिए, परंतु उस व्यक्ति को समाज से संबंधित मामलों में रुकावट नहीं डालनी चाहिए। 

 8. आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार वेदों(The vedas)में ही सच्चा गया दिया गया है। इसलिए वेदों को पढ़ना और दूसरों को सुनाना सभी आर्य का परम धर्म है। 

आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक आर्य समाज के लोगों को अपनी उन्नति से संतुष्ट नहीं रहना चाहिए। आर्य समाज के लोगों को दुसरो की उन्नति में खुद की उन्नति समझनी चाहिए।

आर्य समाज के सिद्धांत के अनुसार प्रत्येक आर्य को सच बोलना चाहिए तथा सच को ग्रहण करना चाहिए। आर्य समाज के लोगों को झूठ का त्याग करना चाहिए। 

 

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