ब्रह्म समाज के सिद्धांत
1. ईश्वर एक है, वह संसार का सृष्टा,पालक और रक्षक है। इसकी शक्ति,प्रेम,न्याय,पवित्रता अपरिमित है।
2. आत्मा अमर है, उसमें उन्नति करने की असीम क्षमता है और वह अपने कार्यों के लिए भगवान के सामने उत्तरदायी है।
3. आध्यात्मिक उन्नति के लिए, प्रार्थना, भगवान का आश्रय और उसके अस्तित्व की अनुभूति आवश्यक है।किसी भी बनाई गई वस्तु को ईश्वर समझकर नहीं पूजना चाहिए और न किसी पुस्तक या पुरुष को मोक्ष का एकमात्र साधन मानना चाहिए।