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प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी की पराजय के कारण संक्षेप में बताइए

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प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मनी  की पराजय के कारण

जब युद्ध प्रारंभ हुआ था तब जर्मनी की स्थिति अत्यंत सुदृढ़ थी जर्मनी के पास विशाल सुसंगठित शक्तिशाली सेना अस्त्र-शस्त्र खाद्य सामग्री आदि पर्याप्त मात्रा में थी उसके सैनिक अनुशासित एवं प्रशिक्षित थे फिर भी जर्मनी को प्रथम विश्व युद्ध में हार का मुंह देखना पड़ा इसके निम्नलिखित कारण थे

1. अधिक समय तक युद्ध का चलना  यह युद्ध 4 वर्ष 3 माह और 11 दिन तक चला युद्ध के परिप्रेक्ष्य मैं यह काफी लंबा समय था जर्मनी को इस बात का जरा भी अनुमान नहीं था कि युद्ध इतना लंबा चलेगा जर्मनी का अनुमान था कि वह एक-दो माह में ही मित्र राष्ट्रों को पराजित कर देगा इस प्रकार अधिक समय तक युद्ध का चलना जर्मनी की हार का एक प्रमुख कारण बना

2. मित्र राष्ट्रों की सर्वश्रेष्ठता  मित्र राष्ट्रों के पास जर्मनी की अपेक्षा अधिक जन धन था उन्होंने इनका उपयोग कर अपनी श्रेष्ठता साबित की इंग्लैंड मित्र राष्ट्रों का एक देश था इसकी नौसेना शक्ति का लोहा पूरा विश्व मानता था इंग्लैंड के जंगी जहाजों में सामने जर्मनी के जंगी जहाज टिक नहीं पाए तथा जर्मनी की पराजय हो गई

3. जर्मन सेनापतियों में दूरदर्शिता की कमी  जर्मन सेनापति युद्ध के संबंध में सटीक अनुमान लगाने में विफल साबित हुए दूरदर्शिता की कमी के कारण वे मित्र राष्ट्रों की शक्ति का सही आकलन नहीं कर पाए

4. युद्ध में अमेरिका का प्रवेश  आरंभ में अमेरिका ने इस युद्ध से दूरी बना रखी थी लेकिन 6 अप्रैल 1917 को वह भी युद्ध में शामिल हो गया इसके कारण मित्र राष्ट्रों की शक्ति और बढ़ गई फलस्वरुप जर्मनी की पराजय निश्चित हो गई

5. साम्यवादी प्रभाव  रूस में लेनिन के नेतृत्व में साम्यवादी सरकार की स्थापना 1917 में हुई थी इस साम्यवादी क्रांति ने भी जर्मनी के पतन में महत्वपूर्ण योगदान दिया

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