दोहरा परिसंचरण
रक्त का एक चक्र में दो बार हृदय से गुजरनापहली बार शरीर का समस्त अशुद्ध रुधिर हृदय के दाहिने आलिन्द में एकत्रित होकर दाहिने निलय में होते हुए फेफड़ों में जाता तथा दूसरी बार हृदय के बायें आलिन्द में फेफड़ों से फुफ्फुस शिराओं द्वारा एकत्रित होकर शुद्ध रुधिर महाधमनी द्वारा समस्त शरीर में पम्प किया जाता है। इस प्रकार के रक्त परिभ्रमण को दोहरा परिसंचरण (Double Circulation) कहते हैं।
इस प्रकार परिसंचरण मनुष्य में पाया जाता है।