ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र
ब्रह्मपुत्र को अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है-अरुणाचल प्रदेश में इसे दिहांग कहते हैं, असोम और मेघालय में इसे ब्रह्मपुत्र कहते हैं, बांग्लादेश के उत्तरी भाग में जमुना तथा मध्य भाग में पद्मा कहा जाता है; आगे चलकर गंगा और ब्रह्मपुत्र की संयुक्त धारा को मेघना कहते हैं।
ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं
- ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के पूर्व से निकलती है जो कि सिंधु एवं सतलुज नदी के स्रोत के पास है।
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इसका अधिकतर मार्ग भारत से बाहर स्थित है।
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यह हिमालय के समानांतर पूर्व दिशा की ओर बहती है। नामचा बरवा (7,757 मी की ऊँचाई) में अंग्रेजी के अक्षर ‘N’ जैसा मोड़ लेती है तथा अरुणाचल प्रदेश में एक गॉर्ज के रास्ते भारत में प्रवेश करती है।
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यहाँ इसे ‘दिहांग’ कहा जाता है तथा दिबांग, लोहित, केनुला एवं कई अन्य सहायक नदियाँ इसमें मिल जाती हैं। जिन्हें असोम में ब्रह्मपुत्र कहा जाता है।
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प्रत्येक वर्ष वर्षा ऋतु में यह अपने किनारों को लांघ जाती है तथा असोम और बांग्लादेश में बाढ़ का कारण बनती है।