पाचक ग्रन्थियाँ (Digestive glands)
1. लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands)-तीन जोड़ी लार ग्रन्थियाँ लार स्रावित करती हैं जिनमें स्टार्च को माल्टोज शर्करा में बदलने वाला टायलिन एंजाइम उपस्थित होता है।
2. यकृत (Liver)-पित्त का निर्माण करता है। पित्त, पित्ताशय में संग्रहित रहता है। यह वसा के इमल्सीकरण का कार्य करता है अतः वसा के पाचन में सहायक है।
3. अग्नाशय (Pancreas)-प्रोटीन, वसा व कार्बोहाइड्रेट पाचक एंजाइमों का स्राव करती है। अग्नाशयी रस, पित्त रस के साथ ग्रहणी में पहुँचता है।
4 . एंजाइमों का महत्त्व- मनुष्य में लार ग्रन्थियाँ (Salivary glands), यकृत (Liver) एवं अग्नाशय (Pancreases) ग्रन्थियाँ हैं। लार ग्रन्थियाँ भोजन को निगलने हेतु चिकनाई प्रदान करती हैं, साथ ही स्टार्च के पाचन हेतु एपाइलेज नामक पाचक एन्जाइम का स्रावण किया जाता है। यकृत द्वारा प्रमुख रूप से पित्त रस का स्रावण किया जाता है। यह वसा का पायसीकरण करने में सहायता करता है। यकृत शरीर की सबसे बड़ी पाचन ग्रन्थि है। यह कार्बोहाइड्रेट, वसा एवं प्रोटीन के उपापचय (metabolism) में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अग्नाशय विभिन्न प्रकार के एन्जाइम का स्रावण करता है, एमाइलेज, ट्रिप्सिन, काइमोट्रिप्सिन आदि जो कि भोजन के पाचन में सहायक है।
आमाशय के जठर रस में पेप्पसीन व रेनिन एन्जाइम होते हैं जो प्रोटीन व दुध की प्रोटीन को पचाने में सहायता करता है। इसी प्रकार आंत्रीय रस में पाये जाने वाले एन्जाइम माल्टोज, लैक्टेज सुक्रेज, लाइपेज सुक्रेज, लाइपेज न्यूक्लिएज, डाइपेप्टाइडेज, फोस्फोटेज आदि के द्वारा पोषक पदार्थों का पाचन किया जाता है।