व्युत्क्रम अनुपात के नियम
इस नियम के अनुसार, “जब दो तत्त्व किसी तीसरे तत्त्व के निश्चित भार से संयोग करते हैं, तो उनके भारों का अनुपात या तो वही रहता है या उन भारों के अनुपात का अपवर्त्य होता है जिसमें वे आपस में संयोग करते हैं। उदाहरणार्थ-कार्बन, सल्फर और ऑक्सीजन तीन तत्त्व हैं। कार्बन और सल्फर ऑक्सीजन से अलग-अलग संयोग करके क्रमशः कार्बन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड बनाते हैं। सल्फर और कार्बन आपस में संयोग करके कार्बन डाइसल्फाइड बनाते हैं। कांर्बन डाइऑक्साइड (CO, ) में कार्बन के 12 भाग ऑक्सीजन के 32 भागों से संयोग (भारानुसार) करते हैं जबकि सल्फर डाइऑक्साइड (SO,) में सल्फर के 32 भाग ऑक्सीजन के 32 भागों से संयोग (भारानुसार) करते हैं। अब ऑक्सीजन के निश्चित भार (32 भाग) से संयोग करने वाले कार्बन और सल्फर के भारों में अनुपात 12 : 32 अथवा 3 : 8 कार्बन डाइसल्फाइड (Cs,) में कार्बन के 12 भाग सल्फर के 64 भागों से संयोग (भारानुसार) करते हैं। CS, में कार्बन और सल्फर के भारों में अनुपात 12:64 अथवा 3 : 16
ऊपर दिए गए अनुपातों में अनुपात अथवा 2 : 1.
अत: ऑक्सीजन के निश्चित भार के साथ संयोग करने वाले कार्बन और सल्फर के भारों में अनुपात, भारों के उस अनुपात का सरल अपवर्त्य होता है जिसमें कार्बन और सल्फर आपस में संयोग करते हैं। इस प्रकार यह उदाहरण व्युत्क्रम अनुपात के नियम की पुष्टि करता है।