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Nadira in Psychology
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Explain briefly about collective intelligence tests. सामूहिक बुद्धि परीक्षणों के बारे में संक्षेप में समझाइये, saamoohik buddhi pareekshanon ke baare mein sankshep mein samajhaiye.

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सामूहिक बुद्धि परीक्षण (Group intelligence test)

प्रथम विश्व युद्ध (1974-1918) में सेना की भर्ती के लिये सामूहिक परीक्षा का प्रयोग किया गया ताकि योग्यता के अनुरूप वहाँ के सैनिकों एवं अधिकारियों का चयन किया जा सके। सामूहिक परीक्षा के लिये बिने एवं टरमैन के बुद्धि परीक्षण सिद्धान्तों को स्वीकार तो किया, परन्तु उनके आधार पर अलग से परीक्षाएँ निर्मित की गयी।

सामूहिक बुद्धि परीक्षण दो प्रकार की होती हैं-

  1. शाब्दिक या भाषायी परीक्षा (Verbal test)
  2. क्रियात्मक या नान-वर्बल परीक्षा (Non-verbal test)

अत: आर्मी अल्फा टेस्ट तथा आर्मी जनरल क्लासिफिकेशन टेस्ट का विकास क्रमशः प्रथम विश्व युद्ध एवं द्वितीय विश्व युद्ध में हुआ।

शाब्दिक परीक्षा (Verbal test) में कुछ प्रश्न या अभ्यास हल करने के लिये दिये जाते हैं, किन्तु अशिक्षित लोगों के लिये क्रियात्मक परीक्षा (Non-verbal test) का प्रयोग किया जाता है।

सामूहिक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण (Group verbal test of intelligence)

जब एक समय में एक से अधिक व्यक्तियों की परीक्षा ली जाये, उसे सामूहिक बुद्धि परीक्षण कहते हैं। अमेरिका में आर्मी एल्फा परीक्षण, थॉर्नडाइक का CAVD परीक्षण तथा टरमैन मेकनेयर परीक्षण हैं। भारत में डॉ. जलोटा ने सन् 1972 में, डॉ. मोरे ने सन् 1921 डॉ. सी. एच. राइस ने हिन्दुस्तानी बिने कार्यात्मक परख, डॉ. भाटिया ने कार्यात्मक परख पत्र तैयार किये।

अशाब्दिक हिन्दी में निम्नलिखित बौद्धिक परीक्षाएँ उपलब्ध हैं-

  1. सामूहिक बुद्धि परीक्षण (12 से 18 वर्ष तक) निर्माणकर्ता पी. मेहता
  2. साधारण मानसिक योग्यता (12 से 16 वर्ष तक) निर्माणकर्ता एस. जलोटा
  3. शाब्दिक बौद्धिक परीक्षा (VIII, X एवं XI स्तर के लिये) निर्माणकर्ता यू. पी. ब्यूरो ऑफ साइक्लोजो
  4. टेस्ट ऑफ जनरल मेण्टल एबिलिटी (10.से 16 वर्ष तक) निर्माणकर्ता शिक्षा विभाग, गोरखपुर विश्वविद्यालय
  5. सी. आई. ई. शाब्दिक सामूहिक बुद्धि परीक्षा (11 से 14 वर्ष तक के बालकों के लिये) 4 परीक्षाएँ-निर्माणकर्ता सी. आई. ई. दिल्ली

व्यक्तिगत अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण (Individual non-verbal test of intelligence)

इन परीक्षाओं में भाषा प्रयोग नहीं होता तथा एक समय में एक ही व्यक्ति की परीक्षा ली जाती है। इन परीक्षाओं से व्यक्ति का व्यवहार तथा व्यक्तित्व सम्बन्धी विशेषताओं का भी निरीक्षण किया जाता है। इसके लिये भाटिया का निष्पादन परीक्षण, कोहलर का ब्लाक डिजायन टेस्ट, आर्थर का निष्पादन परीक्षण तथा एलेक्जेण्डर का पास एलांग परीक्षण प्रचलित है।

सामूहिक अशाब्दिक वृद्धि परीक्षण (Group non-verbal test or intelligence)

इन परीक्षणों में भी भाषा का प्रयोग नहीं होता तथा एक समय में एक से अधिक व्यक्तियों की परीक्षा ली जाती है। इस वर्ग में मख्यत: आर्मी बीटा परीक्षण, शिकागो अशाब्दिक परीक्षण भाग-1, पिजन अशाब्दिक परीक्षण ए. आई. पी. 70/23 तथा रेवन प्रोग्रेसिव मैट्रिसेज परीक्षण आते हैं।

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