जन्म के समय शिशु असहाय अवस्था में होता है। वह मानसिक क्षमता में भी पूर्ण अविकसित होता है। आयु की वृद्धि एवं विकास के साथ-साथ बालकों की मानसिक योग्यता में भी वृद्धि होती है। इस पर वंशानुक्रम एवं पर्यावरण दोनों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।
जे. एस. रास (U.S. Ross) ने लिखा है-"हमारे मस्तिष्क का विकास, वंशानुक्रमीय प्रभावों के हस्तान्तरण एवं अर्जित प्रभावों के मिश्रण के परिणामस्वरूप, सम्पूर्ण रूप से संगठित होता है।" (Our mind grow as a result of the innate dispositions, acquired dispositions are formed and these in turn and welded into an organised whole.)
मानसिक विकासको प्रभावित करने वाले कारक
विभिन्न कारक मानसिक विकास को प्रभावित करते हैं। मानसिक विकास को प्रभावित करने वाले कुछ प्रमुख कारक इस प्रकार है-
1. आनुवांशिकता (Heredity)
मनोवैज्ञानिकों ने यह सिद्ध कर दिया है कि बालक को कुछ मानसिक गुण तथा योग्यताएँ आनुवांशिकता से प्राप्त होते हैं। पर्यावरण इनको प्रभावित नहीं करता। वंशानुक्रम ही किसी बालक का विकास निर्धारित करता है।
2. शारीरिक स्वास्थ्य (Physical health)
बालक का शारीरिक स्वास्थ्य उसके मानसिक विकास को प्रभावित करता है। एक स्वस्थ बालक का मानसिक विकास अस्वस्थ बालक की अपेक्षा शीघ्र होता है।
3. परिवार (Family)
परिवार का प्रेमपूर्ण व्यवहार बालक के मानसिक विकास में सहायक होता है। परिवार में पति-पत्नी के सम्बन्ध यदि मधुर हैं तो वे अपने बालक की ओर अधिक ध्यान दे सकते हैं। इसके फलस्वरूप, बालकों का मानसिक विकास स्वस्थ ढंग से होता है।
4. माता-पिता की सामाजिक स्थिति (Social status of parents)
जिन बालकों के माता-पिता की सामाजिक स्थिति उच्च होती है, उन बालकों का मानसिक विकास अधिक होता है। ऐसे बालकों को मानसिक विकास के अनेक साधन उपलब्ध हो जाते हैं।
5. माता-पिता की आर्थिक स्थिति (Economic status of parents)
निर्धन परिवार के बालकों का मानसिक उचित ढंग से नहीं हो पाता। धनी परिवार के बालक अपनी सभी आवश्यकताओं को पूरा कर लेते हैं परन्तु निर्धन बालकों को भोजन, वस्त्र तथा पुस्तकों का अभाव रहता है। इसी कारण उनका मानसिक विकास रुक जाता है।
6. विद्यालय का वातावरण (Environment of school)
विद्यालय का वातावरण भी बालकों के मानसिक विकास को प्रभावित करता है। यदि विद्यालय का वातावरण अनुशासित है तो बालकों का मानसिक विकास अच्छी तरह से होता है। एक अच्छा विद्यालय अपने छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओंको पूरा करता है और इस प्रकार उनके मानसिक विकास में सहायक होता है।
7. रोचक शिक्षण विधियाँ (Interested teaching methods)
प्रसिद्ध दर्शनिक अरस्तू का कथन है, “शिक्षा मनुष्य की शक्ति का विशेष रूप से उसकी मानसिक शक्ति का विकास करती है। अत: बालक के मानसिक विकास में रोचक शिक्षक विधियों का विशेष महत्त्व है।"
8. शिक्षक का मानसिक स्वास्थ्य (Mental health of teacher)
यदि शिक्षक का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा है तो वह अपने छात्रों के मानसिक विकास में योगदान दे सकता है। बालक के मानसिक विकास में शिक्षक का महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। यदि बालकों को अपने शिक्षक से सहानुभूति मिलती है तो उनका मानसिक विकास शीघ्रता से होता है।
9. समाज (Society)
किसी देश का समाज बालकों को जैसी सुविधाएँ प्रदान करता है, उसी प्रकार से उनका मानसिक विकास होता है। समाज ही मानसिक विकास की गति और सीमा निर्धारित करता है।
उपर्युक्त कारकों के अतिरिक्त पुस्तकालय, वाचनालय, मनोरंजन के साधन आदि भी बालक के मानसिक विकास को प्रभावित करते हैं।